हिमाचल ब्रेकिंग | शिमला
हिमाचल प्रदेश के 14 वें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बुधवार को 56 साल के हो गए। वह हिमाचल के एकमात्र ऐसे नेता हैं जो कॉलेज पॉलिटिक्स से जुड.कर आज मुख्यमंत्री पद पर पहुंचे हैं। खास बात यह है कि सीएम जयराम ठाकुर गरीब घर के थे और ग्रामीण लेवल से उठकर आज शिमला में सीएम की कुर्सी तक पहुंचे हैं।
गरीबी में कटा था बचपन
सीएम का जन्म 6 जनवरी 1965 को मंडी जिले की थुनाग तहसील के तांदी गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम जेठूराम और माता का नाम बृक्मू देवी था। सीएम जयराम के पिता राजमिस्त्री थे। बपचन उनका गरीबी में बीता था हालात ऐसे थे कि 10वीं के बाद उन्हें एक साल के लिए पढ़ाई छोड़नी पड़ी। वे रोज 14 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल पहुंचते थे। उन्होंने अपनी आगे की पढाई के लिए खुद मजदूरी कर पैसे जुटाए और उसके बाद वल्लभ कॉलेज मंडी में एडमिशन लिया। इसके बाद पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री ली। 1980-81 में वह आर्थिक तंगी के कारण एक साल तक अपने गांव में ही रहे और खेतीबाड़ी में अपने माता-पिता का हाथ बंटाते रहे। 26 साल की उम्र में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े लेकिन हार गए। लेकिन, उसके बाद कभी नहीं हारे।
ऐसे शुरू हुआ राजनीति करियर
किसान परिवार में जन्में सीएम जयराम कॉलेज टाइम में ABVP से जुड़े थे। मंडी वल्लभ से B.A. करने के दौरान ही ABVP की ओर से चुनाव जीतने के साथ ही जयराम ने राजनीति में कदम रखा था। 1986 में वह एबीवीपी की प्रदेश इकाई के संयुक्त सचिव चुने गए थे। इसके बाद फिर पूर्णकालिक प्रचारक बन गए। 1989 से 93 में जम्मू और कश्मीर में एबीवीपी के आयोजन सचिव बने। इसके बाद 1993 से 95 तक हिमाचल प्रदेश में भाजपा युवा मोर्चा के राज्य सचिव बने। 1998 में, हिमाचल प्रदेश विधान सभा के लिए चुने गए। इसके बाद 2000 से 2003 तक हिमाचल प्रदेश में भाजपा के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया। 2003 में ही हिमाचल प्रदेश विधान सभा में दोबारा से निर्वाचित हुए। और 2005 तक भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। 2007 में हिमाचल प्रदेश विधान सभा में फिर से निर्वाचित हुए। 2012 में वह विधानसभा के लिए चौथी बार चुने गए। 2017 में, हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए पांचवीं बार निर्वाचित हुए और 27 दिसंबर को उन्होंने हिमाचल प्रदेश के 14 वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथग्रहण की।
सीएम की कुछ खास बातें
- 26 वर्ष की उम्र में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा और हार गए। लेकिन, उसके बाद वह कभी नहीं हारे।
- उन्हें हिमाचल प्रदेश के सबसे समर्पित और मेहनती राजनीतिज्ञों में से एक माना जाता है क्योंकि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन के दौरान कई जिम्मेदार पदों पर कार्य किया है जैसे कि- सामान्य विकास समिति के अध्यक्ष और शिक्षा समिति के अध्यक्ष, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड के उपाध्यक्ष, ग्रामीण योजना समिति के अध्यक्ष और साथ ही पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री।
- उनकी पत्नी मंडी जिले की एक प्रसिद्ध चिकित्सक हैं, और एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं।
- सीएम एक समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं, क्योंकि वह अपनी पत्नी के साथ समय-समय पर रक्तदान शिविरों का आयोजन करते रहे हैं।
मंडी जिला में पचास साल बाद इतिहास बदला
. प्रदेश की राजनीति में अहम किरदार निभाने वाले सीएम जयराम ठाकुर ने मंडी जिला में पचास साल बाद इतिहास बदला था और मंडी से इकलौते सीएम बने हैं।