नई दिल्ली। कुछ करने का जज्बा हो तो इंसान क्या नहीं कर सकता। हम आपको कहानी बता जा रहे हैं महाराष्ट्र के पुणे के 28 साल के रेवन शिंदे की। रेवन ने लाॅकडाउन के दौरान नौकरी छूटने के बाद वो कर दिखाया जो सभी नौजवानों के लिए मिसाल साबित हो सकता है। 2019 में लाॅकडाउन के दौरान सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी छूट जाने के बाद रेवन ने चाय बेचने के स्टार्ट अप से अपना टर्नओवर लाखों में पहंुचा दिया।
दिसंबर 2019 में रेवन सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी के साथ-साथ काॅफी शाॅप में पार्ट टाइम काम करता था। इससे वह हर महीने 13,000 रुपये कमा रहा था। कुछ समय बाद रेवन की नौकरी चली गई। उनके दो साथियों को भी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। इसके बाद उन्होंने अपना कोई काम धंधा ठानी। लंच और डिनर टिफिन सेवा भी शुरू की। इसके लिए उन्होंने करीबियों से चार लाख रुपये कर्ज भी लिया। कोरोना के कारण लाॅकडाउन लगने के बाद उनका एक साथ अपने गांव लौट गया। इसके बाद भी रेवन और उसके साथी ने हिम्मत नहीं हारी।
उन्होंने एक बात नोटिस की कि लाॅकडाउन के दौरान लोगों को आॅफिसों में चाय पहुंचाने वाला कोई नहीं था। लोगों को चाय पीने के लिए बहुत दूर तक जाना पड़ रहा था। इसके बाद उन्होंने सोचा कि क्यों न लोगों को चाय पिलाई जाए। इसके बाद उन्होंने चाय की डिलीवरी शुरू कर दी। तब-तक Online Order भी आने शुरू हो गए। इसके बाद रेवन ने इसे चालता बोलता चाय नाम से शुरू करने का फैसला किया।
जुलाई में स्टार्टअप ने पकड़ी तेजी
जुलाई से रेवन के स्टार्टअप ने तेजी पकड़ना शुरू कर दी। शुरू में तो चार-पांच दफतरों से ही आॅर्डर मिल रहे थे। इसके बाद रेवन ने अपनी जिंजर टी को सोशल मीडिया पर प्रमोट करना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद उनका यह कारोबार इतना चकमा कि आज वे सुबह-शाम 70 आफिसों में चाय पहुंचा रहे हैं। एक महीने में रेवन अब सवा दो लाख रुपये से ज्यादा कमा रहे हैं, जो कि आज के युवाओं के लिए प्ररेणास्रोत हैं। रेवन अपने हाथों अपनी किस्मत लिखने के बाद दूसरों को भी रोजगार दे रहा है।
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