गलोड़ । कहते हैं राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता। राजनीति में तो बाप को भी धोखा देना जायज है। पंचायती राज चुनावों में इस बार ऐसा ही देखने को मिल रहा है, जहां कई परिवारों से दो-दो उम्मीदवार एक-दूसरे को टक्कर दे रहे हैं, तो कहीं एक ही गांव से चार-चार उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे हैं।
नादौनता क्षेत्र के अंतिम छोर पर स्थित उपमंडल गलोड़ की पंचायत गलोड़ खास का भी यही हाल है। यहां प्रधान पद के लिए पांच उम्मीदवारों ने दांव भरा है। इनमें से चार उम्मीदवार एक ही गांव यानि गलोड़ खास के हैं, जबकि एक उम्मीदवार गांव बुधवीं का है। सभी में कांटे की टक्कर मानी जा रही है। फिलहाल चुनावी रण में कूदे उम्मीदवारों ने लंगोटी कस ली है।
ऐसे में अब इस पंचायत से प्रधान पद की सीट किसके कब्जे में होगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा। फिलहाल इस चुनावी घमासान में प्रचार तेज हो गया है। वोटरों को लुभाने के लिए हर हथकंडे का प्रयोग किया जा रहा है।
कोई तीसरा न ले जाए फायदा
किसके पाले में गेंद जाएगी या किसका पलड़ा भारी होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन एक बात देखने में आ रही है कि जहां एक गांव से चार उम्मीदवार हैं वहां इस सीट का फायदा कोई तीसरा न ले जाए। कहने का मतलब यह है कि चार उम्मीदवारों की वोट बंटना तो तय है, ऐसे में इसका फायदा तीसरे को भी मिल सकता है।
विकास के हो रहे दावे
चुनावी दंगल में कूदे उम्मीदवार वोटरों से विकास के बडे़-बडे़ दावे कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि जो कार्य बीते समय में नहीं हो सका उसे उनकी जीत के बाद पूरा किया जाएगा।
लोगों में छिड़ी बातेंः कुण जितगा इस बारी
आज का वोटर समझदार है। उसे पता है कि उसके लिए कौन सही उम्मीदवार है। गांवों में लोग मजे लेकर बातें कर रहे हैं। एक-दूसरे से उनका रुझान जानने की कोशिश हो रही है। इसी के आधार पर ही समीकरणों का पता लगाने का भी प्रयास किया जा रहा है।