शिमला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सांसद रामस्वरूप की आत्महत्या का राज नहीं खोल सकी। माना जा रहा है कि बीमारी के कारण ही वह जिंदगी से निराश चल रहे थे। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि उनकी मौत के पीछे बीमारी के कारण पैदा हुए कष्ट ही थे। बीमारी ही उन्हें आत्महत्या की ओर ले गई। वह हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद थे।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इस बात का पूरी तरह से खुलासा हो रहा है कि सांसद के गले पर रस्सी से दबने के निशान मिले थे। रामस्वरूप शर्मा ने बीमारियों से आहत होकर ही जान देने का निर्णय लिया था। हालांकि अंतिम फैसला विसरा रिपोर्ट आने के बाद ही होगा। इससे पहले की परिस्थितियों पर गौर करें तो सांसद अंदर ही अंदर बीमारी के कारण घुट रहे थे।
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उनके करीबियों का कहना है कि वह अपने घर जोगिंदर नगर से दिल्ली सरकारी आवास पर रस्सी लेकर गए थे। वह घर से आत्महत्या का मन बनाकर निकले थे। पूछे जाने पर उन्होंने कहा था कि कपड़े सुखाने के लिए रस्सी चाहिए। कुछ दिन पहले ही उन्होंने श्मशान घाट व मच्छयाल स्थित परिसर को सुंदर बनाने के लिए पचास लाख रुपये दिए थे। इसमें से कुछ पैसा उन्होंने निजी खाते से दिया था।
17 मार्च को दिल्ली में की थी आत्महत्या
सांसद रामस्वरूप के दिल की सर्जरी हुई थी। इसके अलावा वे पाइल्स की बीमारी से भी परेशान चल रहे थे। बीमारी के कारण उनका वजन भी काफी कम हो गया था। बता दें कि सांसद रामस्वरूप ने 17 मार्च को दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या के दौरान उन्होंने कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा था। सारी परिस्थितियों को देखने पर भी यही आभास हो रहा है कि रामस्वरूप ने बीमारी के कारण ही आत्महत्या करने का फैसला लिया था।