हिमाचल के उभरते कवियों में मनोज चौहान भी एक नाम हैं। मनोज अपनी कविताओं के जरिये पाठकों को वहां ले जाते हैं, जहां पहाड़ों के कठिन जीवन का संघर्ष है और इस संघर्ष के बीच एक आशावादी जीवन का संचार है। यह संचार बिल्कुल वैसा ही है जैसे एक पहाड़ के ह्रदय से फूटता जल स्त्रोत। कवि मनोज चौहान अपनी कविता संभावना के जरिये नववर्ष का स्वागत कर रहे हैं और अपने पाठकों को जीवन का दर्शन दे रहे हैं।
संभावनाएं
संभावनाएं बनी रहती हैं
हमेशा ही
उदासियों का कोहरा छट जाने की
बंजर धरा पर
बीज के उग आने की
और अरसा पहले घर छोड़ कर गए
बेटे के लौट आने की ।
संभावनाएं मौजूद रहती हैं
बर्षों से सूखे पड़े
किसी झरने, कुएं या बाबड़ी में
शीतल जलधारा के प्रस्फुटन की
या फिर बहुत आत्मीय से किसी
दूर छूटते जा रहे
रिश्ते को सहेजने की ।
संभावनाएं होती हैं
घटाटोप अंधेरे में
किसी जुगनू के प्रकाश की
भीषण जाड़े के मौसम में
ठंड से ठिठुरती गौरेया के पंखों में
अपने बच्चों के लिए
स्नेहिल ताप की
और कचहरी में सालों से लंबित पड़े
किसी मुकद्दमे में जीत की ।
जरूरी हैं संभावनाएं
ताकि पतन से उत्थान की ओर
ले जाई जा सके
कलुषित मनुष्यता
संवारा जा सके
पृथ्वी का सबसे उपेक्षित कोना भी ।
संभावनाएं
स्त्रोत हैं ऊर्जा का
संभावनाओं का बने रहना
आवश्यक है
वह पोषित करती हैं जिजीविषा
और बचाए रखती हैं
उम्मीदों को !
2001 से लेखन की शुरुआत, एक कविता संग्रह प्रकाशित हो चुका
कवि मनोज चौहान का जन्म स्थान हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के अंतर्गत आता गाँव महादेव (सुंदरनगर) है l इ
नकी शिक्षा बी.ए., डिप्लोमा (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग), पीजीडीएम इन इंडस्ट्रियल सेफ्टी l वर्तमान में एसजेवीएन, शिमला (भारत सरकार एवं हिमाचल प्रदेश सरकार का संयुक्त उपक्रम) में उप प्रबन्धक के पद पर कार्यरत हैं lइन्होंने लेखन की शुरुआत 20 मार्च, 2001से की और दैनिक भास्कर में प्रथम लेख प्रकाशित हुआ l अब तक समकालीन भारतीय साहित्य, वागर्थ, आकंठ, मधुमती, बया, कविता विहान, इरावती, हिमतरु, अट्टहास, विपाशा, हिमप्रस्थ, गिरिराज, शुभ तारिका, सुसंभाव्य, शैल-सूत्र, साहित्य गुंजन, सरोपमा, स्वाधीनता सन्देश, मृग मरीचिका, परिंदे, शब्द मंच सहित कई प्रादेशिक एवं राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं/ई-पत्रिकाओं/कविता कोश/गद्य कोश में कविता, लघुकथा, फीचर, आलेख, व्यंग्य, समीक्षा आदि में प्रकाशन हो चुका है l इसके अलावा अहिन्दी पत्रिकाओं में हिमभारती (हिमाचली पहाड़ी), शब्द संयोजन (नेपाली), प्रतिमान (पंजाबी) में रचनाओं का प्रकाशन l
प्रकाशित पुस्तकें :
1) ‘पत्थर तोड़ती औरत’(कविता संग्रह) – सितम्बर, 2017 (अंतिका प्रकाशन, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश) l
2) एक दर्जन से अधिक साँझा संकलनों में रचनाएं संकलित l
3) लघुकथा संग्रह (नाम अभी तय नहीं) प्रकाशनाधीन l
सम्मान : 1) एसजेवीएन द्वारा आयोजित आंतर इकाई प्रतिगोगिता (प्रतिबिम्ब, 24 नवम्बर, 2019 ) में कविता पाठ के लिए द्वितीय पुरस्कार l 2) शंखनाद सामाजिक संगठन, नाहन, हिमाचल प्रदेश द्वारा (रंगोत्सव, 21 मार्च -2021 में) साहित्य लेखन के लिए ‘शंखनाद मीडिया विशिष्ठ सम्मान 2020’ से सम्मानित l
सुन्दर रचना बधाई