नई दिल्ली। पूरे विश्व में फैली कोरोना महामारी को लेकर अब एक और बड़ा दावा किया जा रहा है। विश्व की प्रमुख स्वास्थ्य पत्रिका लैंसेट में प्रकाशित की गई एक रिपोर्ट में लिखा गया है कि कोरोना हवा के साथ तेजी से फैलता है। इस वायरस को लेकर अब-तक प्रकाशित किए गए अध्ययनों की समीक्षा रिपोर्ट ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा के वैज्ञानिकों ने तैयार की है। विशेषज्ञों ने कोरोना को लेकर और बड़े खतरे के संकेत दिए हैं।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की त्रिश ग्रीनहाल इस समीक्षा रिपोर्ट की मुख्य लेखिका हैं। उन्होंने कहा है कि अब मास्क, सामाजिक दूरी जैसे कोरोना से बचाव के उपाय बहुत बौने हो गए हैं। अब वक्त आ गया है विश्व स्वास्थ्य संगठन को वायरस के संक्रमण की परिभाषा बदलने का।
समीक्षा रिपोर्ट के मुताबिक खुली जगह की अपेक्षा बंद जगहों पर संक्रमण की रफ्तार ज्यादा है। ऐसे स्थानों को हवादार बनाकर संक्रमण की गति को रोकने में मदद मिलेगी। इस अध्ययन की समीक्षा में कागिट कॉयर इवेंट की गई। इस दौरान एक संक्रमित व्यक्ति को शामिल किया गया। वह सुपर स्प्रेडर साबित हुआ। अध्ययन में पाया गया कि इस व्यक्ति ने 53 लोगों को संक्रमित कर दिया था। इसमें से कई लोग ऐसे थे जो कि उसके संपर्क में भी नहीं आए थे। माना जा रहा है कि वह हवा में फैले वायरस की चपेट में आए।
हाथ धोना व सतह साफ करना उपयुक्त
इससे बचाव को लेकर हाथ धोना और सतह को साफ रखना जरूरी है। वायरस को हवा में खत्म करने का उपाय भी करना होगा। संक्रमित व्यक्ति की छींक से निकलने वाले भारी कणों से वायरस तेजी से फैलने के संकेत कम मिले हैं। इनसे सतह के ही संक्रमित होने का खतरा है, लेकिन हवा में फैलने वाले संक्रमण से लोग ज्यादा चपेट में आ रहे हैं।