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Saturday, November 16, 2024

प्यार में टूट गया इस आशिक का दिल, फिर किया ऐसा काम कि सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक हो रही चर्चा

नई दिल्ली। दिल टूटा हो तो मन चिंतित हो उठता है। इंसान खुद को नुकसान पहुंचाने से भी नहीं चूकता। यहां तक कि वह नशे का भी आदी हो जाता है। फिल्मों में अक्सर देखा गया है कि प्यार में दिल टूटने के बाद आशिक या तो बर्बादी की राह पर निकल पड़ता है या अपनी प्रेमिका को सबक सीखाने की ठान लेता है।

हम जिस युवक की कहानी बताने जा रहे हैं वह फिल्मों से कहीं अलग है। प्यार में दिल टूटने के बाद इस शख्स ने कुछ ऐसा किया कि अब उसकी चर्चा सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक हो रही है। देहरादून के 21 साल के दिव्यांशु प्यार में दिल टूटने के बाद काफी टूट गए थे, लेकिन वह फिल्मी कहानियों के किरदारों की तरह गलत राह पर नहीं चले। इतनी कम उम्र में दिल टूटने के बाद दिव्यांशु ने जीने की नई राह खोज निकाली। उन्होंने मन में कुछ और ही ठान रखा था।

प्यार से जुदा होने के बाद दिव्यांशु ने दिल में दर्द दफनाकर देहरादून के जीएमएस रोड पर दिल टूटा आशिक-चाय वाला के नाम से एक रेस्टोरेंट खोल लिया। पहले तो लोगों को रेस्टोरेंट का नाम अजीब सा लगा, लेकिन जब उन्हें दिव्यांशु के दिल टूटने की कहानी पता चली तो उसके बाद यहां लोगों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई। रेस्टोरेंट का नाम अपने आप में दिव्यांशु की कहानी बयां कर रहा है। नाम सुनकर ही लोग यह समझ सकते हैं कि रेस्टोरेंट का मालिक प्यार में धोखा खाया हुआ घायल आशिक है। अब तो लोग खुद रेस्टोरेंट का पता पूछ रहे हैं।

दिव्यांशु की कहानी है बेहद दुखद
प्यार में दगा खाए दिव्यांशु की कहानी बहुत ही दुखद है। उनका कहना है कि हाई स्कूल के दिनों में उनका एक लड़की पर दिल आ गया। इसके बाद दोनों में नजदीकियां बढ़ीं और साथ जीने-मरने के वादे कर लिए, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। पिछले साल ही दोनों का ब्रेकअप हो गया। इस ब्रेकअप की वजह लड़की के माता-पिता थे। छह महीने तो समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या करें। इसके बाद दिव्यांशु ने इस सब से बाहर निकलने का फैसला कर लिया।

बचत के पैसों से खोला रेस्टोरेंट
दिव्यांशु ने बचत किए हुए पैसों से रेस्टोरेंट खोल लिया। अब यहां उनके भाई राहुल उनके साथ हाथ बंटाते हैं। दिव्यांशु उन लोगों की मदद करना चाहते हैं जिनका प्यार में दिल टूटा हो। उनका कहना है कि जीवन में हर कोई ऐसे दौर से गुजरता है जब वह खुद का अकेला महसूस करता है। वे चाहते हैं कि ऐसे लोग यहां आएं और अपने किस्से और दर्द बयां करें। जिससे वह उनकी इस दर्द से उभरने में मदद कर सके।

 

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