हेल्थ डेस्क। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में 8.37 लाख लोगों की मौत कैंसर से हुई। 2019 में देश में 16 लाख से अधिक लोग कैंसर की तीसरी स्टेज में थे। कोरोना के दौर में यह दिक्कतें और बढ़ीं।
कैंसर एक्सपर्ट डाॅक्टर प्रवीण गर्ग कहते हैं कि हर साल 18 साल से कम उम्र के 60 हजार बच्चे कैंसर का शिकार हो जाते हैं। डाॅक्टर प्रवीण कहते हैं कि गलत खानपान से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। कुछ खास तरह की चीजों को डाइट से दूर करके कैंसर के खतरे को घटाया जा सकता है। हर साल चार फरवरी को वर्ल्ड कैंसर-डे मनाया जाता है।
मीटः मीट को प्रोसेसिंग के जरिये लंबे समय तक खाने योग्य बनाया जाता है। इसके लिए मीट में कई तरह के फलेवर और कैमिकल का प्रयोग किया जाता है। इसकी वजह से कोलोन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। अगर डाइट में इस तरह के खाने को कम किया जाए तो कैंसर के खतरे को घटाया जा सकता है। अधिक नमक वाले खाने से भी दूरी बनाए रखें।
पाॅपकार्नः यह ऐसे पाॅपकार्न होते हैं जो केमिकल वाले पैकेट में आते हैं। इन्हें माइक्रोवेव में तैयार किया जाता है।ये जिस बैग में रखे जाते हैं उसमें परफलोरो आॅक्टेनाॅयक एसिड होता है। जो लिवर, ब्लैडर, किडनी और टेस्टिस के कैंसर का खतरा बढ़ाता ळें
सोडाः इसमें अधिक मात्रा में शुगर होती हैजो वजन बढ़ाने के साथ शरीर में सूजन की वजह भी बनती है। इसके अलावा इसमें कई तरह के कैमिकल और आर्टिफिशियल रंगों का प्रयोग किया जाता हैजो कि कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं।
मैदाः मैदा घरों में सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है। बहुत कम लोग जानते हैं कि इसे तैयार करने में फंफूद को खत्म करने वाले फंगिसाइड और कीटनाशक का प्रयोग किया जाता है। इतनी ही नहीं मैदा और सफेद रखने के लिए क्लोरीन आक्साइड मिलाया जाता है। ये कैमिकल कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं।
हाइड्रोजेनेटेड ऑयल्स: वनस्पति तेल में आमतौर पर हाइड्रोजेनेटेड ऑयल मिलाया जाता है। इसका कैंसर से सीधा कनेक्शन है। इसमें ट्रांस.फैट्स काफी मात्रा में होता है। ये मोटापा बढ़ाते हैं और रोगों से लड़ने की क्षमता को घटाते हैं।