शिमला: फर्जी डिग्री बेचने वाले मानव भारती विश्वविद्यालय (एमबीयू) पर एसआईटी की गाज गिरना तय हो गया है। हिमाचल प्रदेश पुलिस और सीआईडी की संयुक्त विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने एमबीयू की स्थापना की प्रक्रिया की जांच तेज कर दी है। विश्वविद्यालय से स्थापना से संबंधित दस्तावेज लेने के बाद जांच टीम ने शिक्षा विभाग के तत्कालीन अधिकारियों को एक-एक कर बुलाना शुरू कर दिया है। इनमें से कुछ अधिकारी और कर्मचारी तो ऐसे हैं जो कि रिटायर हो चुके हैं।
ऐसे में उन रिटायर अधिकारियों और कर्मचारियों के पतों की जानकारी जुटाई जा रही है। पूछताछ में शामिल होने के लिए उनको नोटिस भी जारी किए जा रहे हैं। पूछताछ में इस बात से पर्दा हटाने की कोशिश हो रही है कि जब एक बार स्थापना को लेकर बनी अर्हता पूरी न करने के चलते राजकुमार राणा के आवेदन को खारिज किया तो दोबारा उसके आवेदन को मंत्रिमंडल के पास क्यों भेजा गया। इसमें दोनों बार भेजे गए दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है।
एसआईटी की एक टीम इन्हीं कारणों को जानने की कोशिश कर रही है कि फर्जी दस्तावेजों को पेश कर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए आवेदन किया गया। कहा जा रहा है कि जांच में ठोस सुबूत मिलने के बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन के अलावा मिलीभगत करने वाली काली भेड़ों पर भी केस दर्ज किया जाएगा। डीजीपी संजय कुंडू ने स्पष्ट किया है कि जांच के दौरान तथ्यों के आधार पर ही कार्रवाई होगी।