शिमला। हिमाचल में अब सार्वजनिक व राजनीतिक कार्यक्रमों में 50 से ज्यादा लोग शामिल हो सकेंगे। शुक्रवार को कैबिनेट की मीटिंग में सरकार ने 50 लोगों की शर्त के नियम को खत्म कर दिया है। अब राज्य आपदा प्रबंधन सेल इस संबंध में स्पष्ट करेगा कि कितने लोग कार्यक्रमों में शामिल हो सकेंगे।
50 हजार तक के ऋण होंगे माफ
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने फैसला लिया कि हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) विकास निगम पांच साल पुराने 50 हजार तक के ऋण माफ करेगा। कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि अभी पंचायत चुनाव के चलते लगी आचार संहिता के कारण कितने लोग इससे लाभान्वित होंगे, इसकी जानकारी नहीं मिलेगी। योजना चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही लागू होगी। बता दें कि बीते साल जनवरी में शिमला में हुई निगम के निदेशक मंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया था। अंतिम मंजूरी के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा था।
कैबिनेट के अन्य फैसलों पर एक नजर
- मंत्रिमंडल ने शिमला जिला की तहसील चैपाल के कमांदल, कुमारला, गीतारटा और आरा गांवों में 599.1935 हेक्टेयर क्षेत्र पर सीमेंट प्लांट के लिए चूना और खनन खनिज की निकासी के लिए मै. आर.सी.सी.पी.एल. प्राइवेट लिमिटेड नवी मुम्बई के पक्ष में पट्टे में देने पर तीन वर्ष के लिए लैटर आॅफ इन्टेंट जारी करने को मंजूरी प्रदान की।
- हिमाचल कैबिनेट ने पं. जवाहर लाल नेहरू राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय चंबा परिसर के शीघ्र निर्माण के लिए निर्माण स्थल में से 28 पुराने सरकारी ढांचों को गिराने की अनुमति प्रदान की।
- मंत्रिमंडल ने प्रदेश के पुलिस थानों को अधिक महिला मित्र और सुलभ बनाने के लिए जिला पुलिस कार्यालयों और पुलिस थानों में महिला हेल्प-डेस्क स्थापित करने का निर्णय लिया। बैठक में पुलिस विभाग में महिला हेल्प-डैस्क को सुदृढ़ बनाने के लिए 136 स्कूटी अथवा स्कूटर खरीदने के अलावा 272 हैलमेट और 136 डैस्क टाॅप कम्प्यूटर खरीदने की मंजूरी प्रदान की गई।
- मंत्रिमंडल ने प्रदेश के छह जिलों शिमला, कांगड़ा, कुल्लू, सिरमौर, सोलन और चम्बा के एंटी हयूमन टैफिकिंग यूनिट को सुदृढ़ बनाने के लिए आवश्यक मशीनरी और उपकरण प्रदान करने के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान की।
- कैबिनेट की बैठक में बिलासपुर जिला के झण्डूता और कांगड़ा जिले के जयसिंहपुर में नए नागरिक न्यायालयों के लिए विभिन्न श्रेणियों के छः पदों को सृजित कर इन्हें भरने की स्वीकृति प्रदान की।
- वन विभाग ने मंत्रिमंडल के समक्ष मार्च, 2021 तक के लक्ष्यों और वर्ष 2021 और 2022 तक के लक्ष्यों के बारे में प्रस्तुति दी। मंत्रिमण्डल ने लगाए गए पेड़ों की संख्या के बजाय पेड़ों की उत्तरजीविता पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया। राजस्व विभाग ने भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना पर प्रस्तुति दी।