शिमला। पंचायती राज चुनाव में उम्मीदवार को नाम वापसी के लिए कई निर्देशों का पालन करना होगा। 6 जनवरी के दिन नाम वापसी के दौरान उम्मीदवार को खुद मौजूद रहना होगा। किसी कारण से कैंडिडेट स्वयं मौजूद नहीं हो सकता तो पोलिंग एजेंट को हस्ताक्षरित फार्म संख्या 22 चुनाव अधिकारी के पास जमा करवाना होगा।
आपको बता दें कि कैंडिडेट ने फार्म हस्ताक्षर कर नहीं भेजा है तो उसका पोलिंग एजेंट नाम वापिस नहीं ले सकता। नाम वापस लेने के दौरान उम्मीदवार को इसकी जानकारी सूचनापट्ट पर भी देनी होगी। एक बार नाम वापस ले लिया तो दोबारा चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
पसंद का चुनाव चिन्ह नहीं मिलेगा
6 जनवरी को ही उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह अलाॅट किए जाएंगे। चुनाव आयोग ने साफ किया है कि किसी भी कैंडिडेट को उसकी पसंद का चुनाव चिन्ह अलाॅट नहीं किया जाएगा। मर्जी से चुने गए कैंडिडेट की सूचना भी चुनाव आयोग को देना अनिवार्य होगा। नाम वापस लेने वालों की जानकारी भी चुनाव आयोग को देना लाजिमी होगा।
कैंडिडेट खुद नहीं आया तो उसके हस्ताक्षर होना जरूरी
चुनाव आयोग ने निर्देश दिए हैं कि किसी कारण से उम्मीदवार नाम वापस लेने नहीं पहुंचा तो इसकी जगह पोलिंग एजेंट आ सकता है। इसके लिए एक शर्त रखी गई कि फार्म संख्या 22 पर संबंधित कैंडिडेट के हस्ताक्षर जरूर हों। फार्म पर संबंधित कैंडिडेट के हस्ताक्षर नहीं हैं तो नाम वापस नहीं लिया जा सकेगा। राज्य चुनाव अधिकारी संजीव महाजन ने सोमवार को यह निर्देश जारी किए थे।
वार्ड की लिस्ट के अनुसार क्रमवार बंटेंगे चुनाव चिन्ह
जिन उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ना है उनक नाम फार्म 24 भरकर एक सूची में दर्ज होंगे। इसके बाद क्रमवार उम्मीदवारों की सूची तैयार होगी। वार्ड की लिस्ट के अनुसार क्रमवार तरीके से उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह आवंटित किए जाएंगे। पंचायत समिति और जिला परिषद का चुनाव लड़ने वालों को भी इसी दिन चुनाव चिन्ह दिए जाएंगे।
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