मंडी/नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद रामस्वरूप शर्मा की संदिग्ध हालत में मौत हो गई है। उनका शव दिल्ली स्थित आवास पर पंखे से लटकता मिला। मौके से पुलिस को कोई भी सुसाइड नोट नहीं मिला है। वह दिल्ली में गोमती अपार्टमेंट में रहते थे। यह अपार्टमेंट आरएमएल अस्पताल के सामने है। पहली दृष्टि में पुलिस इस पर खुदकुशी की आशंका जता रही है। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों का कहना है कि गेट अंदर से बंद किया गया था। स्टाफ ने पुलिस को जानकारी दी। पुलिस के आने पर गेट को तोड़ा गया।
पुलिस पूरे मामले की पड़ताल कर रही है। साथ ही पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भी भेज दिया है। परिवार को उनकी मौत की खबर दे दी गई है। रामस्वरूप का परिवार मंडी में ही रहता है। दिल्ली अपार्टमेंट में वह कुक और पीए के साथ रहते थे। सुबह जब दरवाजा खटखटाने पर भी नहीं खोला गया तो पुलिस को इस बात की सूचना दी गई। पुलिस जब दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी तो सांसद रामस्वरूप फंदे से लटके मिले। कमरे का सारा सामान बिखरा पड़ा था।
पुलिस ने जानकारी दी कि जब शव को नीचे उतारने पर कमरे की जांच की गई तो यहां पर भारी मात्रा में दवाइयां मिलीं। शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि उन्होंने बीते कुछ दिनों से लोगों से बात करना बंद कर दिया था। वह मंगलवार को संसद के सत्र में भी शामिल नहीं हुए थे। उनके निधन के बाद अब संसदीय समिति की बैठक को भी रद्द कर दिया गया है।
2019 में दर्ज की थी ऐतिहासिक जीत
भाजपा सांसद रामस्वरूप शर्मा का जन्म 10 जून 1958 को हिमाचल के मंडी जिले के जोगिंद्रनगर में हुआ था। वह मंडी जिला भाजपा और बाद में हिमाचल प्रदेश राज्य भाजपा के आयोजन सचिव भी रहे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश राज्य खाद्य और नागरिक आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष के तौर पर भी कार्य किया था। मंडी संसदीय सीट उन्होंने दो बार जीती है। 2014 में मंडी सीट को लेकर भाजपा आशंका में थी, लेकिन फिर भी रामस्वरूप ने यहां बाजी जीत ली थी। 2014 में भी चारों संसदीय सीटें भाजपा के खाते में आई थीं। इसके बाद 2019 में भी वे हॉट सीट मंडी से ऐतिहासिक जीत हासिल कर दूसरी बार संसद पहुंचे थे। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी आश्रय शर्मा को करीब चार लाख वोटों के अंतर से हराकर जीत दर्ज की थी। यह मंडी संसदीय क्षेत्र की सबसे बड़ी ऐतिहासिक जीत रही थी।