हिंदू नववर्ष शुरू: जाने इसका महत्व और सुनें कवि विजय पुरी की कविता

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हिमाचल ब्रेकिंग, हमीरपुर: 13 अप्रैल 2021 से हिंदू नववर्ष शुरू हो गया है। हिंदू नववर्ष अर्थात नव संवतसर 2078 शुरू हो गया है। वैसाख महीने के शुरू होने पर ही हिंदू परंपरा के अनुसार हिंदू नववर्ष शुरू होते हैं। इसके साथ ही चैत्र नवरा़त्र भी शुरू हो गए हैं। कोरोना के कारण इस बार मंदिरों में भक्तों की पूजा प्रभावित हुई है और सरकार ने संक्रमण रोकने के लिए कई आवश्यक पाबंदियां भी लगा दी हैं। भक्त  नियमों के अनुसार नवरात्र के कार्यक्रम कर रहे हैं।

हर नवरात्र का अपना एक महत्व होता है व कई स्थितियां इसके साथ जुड़ी होती हैं। हम इस बार के चैत्र नवरात्र के महत्व के साथ आपके लिए कवि डाक्टर विजय पुरी की कविता भी प्रस्तुत कर रहे हैं। डाक्टर विजय पूरी ने कविता के माध्यम से कोरोना काल के दुखों के बीच एक नई आशा व उमंग के साथ नवरा़त्र का स्वागत किया है।

उत्तर प्रदेशों में वैसाख तो दक्षिण में मनाया जाता है गुड़ी पर्व: साहित्यकार वीरेंद्र वीर
साहित्यकार वीरेंद्र वीर ने बताया कि हिंदू पंचाग के अनुसार मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को हिंदू नववर्ष की शुरूआत होती है। नवरात्र का शुभारंभ शुभ योग माना जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार इसी दिन कल्प सृष्टि और युग का प्रारंभिक दिन भी है। इसी मास में विष्णु जी के मानस अवतार का श्रीराम जी का भी जन्म भी हुआ है। इसी माह से फसल की कटाई भी शुरू होती हैं। उत्तर क्षेत्र खासकर पंजाब के साथ लगते प्रदेशों में वैसाखी और दक्षिण प्रदेशों में गुड़ी पर्व मनाया जाता है।

साहित्यकार वीरेंद्र वीर।

ऐसे हुई विक्रमी संवतसर की शुरूआत
इतिहास के अनुसार राजा विक्रमादित्य ने इसकी मास में विक्रमी संवतसर की स्थापना की थी। सनातन परंपरा के अनुसार काल गणना की शुरूआत भी आज के दिन से ही हुई थी। मान्यताओं के अनुसार इस सृष्टि का निर्माण भगवान ब्रह्मा ने आज के ही दिन किया था। यही कारण है कि इसी मास से प्रकृति भी फलने-फुलने लगती हैं । यह मास देवपूजन, प्रकृति पूजन और हर्षोल्लास का माह है।

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