हिमाचल ब्रेकिंग, पालमपुर, खारटी: पालमपुर के अंतर्गत आते राजकीय प्राथमिक स्कूल खारटी में छात्रों को शिक्षा के करीब लाने के लिए कई मनोरंजक गतिविधियां करवाई जाती हैं, ताकि पढ़ाई के साथ बच्चों की प्रतिभा भी निखरे और अपनी लोक संस्कृति से भी जुड़ें। यहां नर्सरी से लेकर पांचवीं तक के छात्रों को पढ़ाने का जिम्मा एक ही अध्यापक पर है। नर्सरी से लेकर पांचवीं तक 50 छात्र खारटी स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। स्कूल इंचार्ज विजय कुमार पुरी ने बताया कि खारटी स्कूल में बेहतर शिक्षा को देखकर अभिभावकों का यहां बच्चों को दाखिल करवाने का झुकाव बढ़ा है, लेकिन स्कूल में एक ही अध्यापक सारी जिम्मेवारियां निभा रहा है। वहीं, स्कूल प्रबंधन समिति अध्यक्ष बाला देवी ने बताया कि सरकार और विभाग से हर प्रकार की मदद मिल रही है, लेकिन स्कूल में अध्यापकों और कमरों की व्यवस्था हो जाए तो बच्चों की संख्या और बढ़ सकती है।
शिक्षा के साथ बच्चों को लोक संस्कृति से जोड़ते हैं
नर्सरी से पांचवीं तक के बच्चों की शिक्षा एक ही अध्यापक के जिम्मे हैं, लेकिन यहां बच्चों को सिर्फ विषय की पढ़ाई तक ही सीमित नहीं रखा जाता है। बच्चों को किताबों से बाहर का ज्ञान भी मिले, मादरी भाषा और लोक संस्कृति से भी जुड़ सकें, इसके लिए कई गतिविधियां करवाई जाती हैं। अध्यापक विजय ने बताया कि बच्चों को लोक गीत गवाए जाते हैं। वे खुद भी बच्चों के साथ लोक गीत गाते हैं। इनमें अधिकतर ऐसे गीत शामिल होते हैं, जिन्हें वर्तमान की पीढ़ी भुला चुकी है। इसके माध्यम से बच्चे अपनी संस्कृति को समझ सकें और अपनी मादरी भाषा का ज्ञान मिल सके, इसलिए बच्चों को लोक गीत-संगीत से जोड़ा जाता है।
धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा
हाल ही में खारटी से दस किलोमीटर दूर धौलाधार के साथ लगती चंद्रधार पहाड़ की चोटी पर स्थित हिमानी चामुंडा मंदिर की यात्रा पर बच्चों को ले जाया गया था। अध्यापक विजय पुरी ने बताया कि इससे पहले भी ऐसे धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा पर बच्चों को ले जाया जाता है, ताकि बच्चों को अपने राज्य के ऐतिहासिक स्थलों और धार्मिक स्थलों का ज्ञान हो सके।
एक से पंद्रह अप्रैल तक होंगी एडमिशन
स्कूल इंचार्ज विजय कुमार पुरी ने बताया कि खारटी स्कूल में एक अप्रैल से अगले सेशन में बच्चों की एडमिशन शुरू हो जाएंगी, जो पंद्रह अप्रैल तक होंगी। उन्होंने बताया कि कोरोना के हालात को देखते हुए एडमिशन की तारीखों में बदलाव भी हो सकता है। साथ ही बताया कि सरकार ने नर्सरी क्लास के बच्चों को तकरीकि शिक्षा से जोड़ने के लिए नई योजना लाई है। इसमें नर्सरी के क्लासेज के लिए एससीडी, टीचिंग डिवाइस और अगली क्लासेज के बच्चों के लिए कंप्यूटर एजुकेशन का प्रबंध किया गया है।
हार्दिक आभार जी।