हिमाचल ब्रेकिंग, शिमला/हमीरपुर/मंडी। हिमाचल प्रदेश के सुंदरनगर में जहरीली शराब से सात लोगों की मौत के मामले में एआईटी ने बड़ा खुलासा किया है। हिमाचल के इतिहास में शायद ऐसा पहली बार हुआ है कि इतने बड़े केस पुलिस ने 72 घंटे में सुलझाने का दावा किया है। पुलिस ने खुलासा किया है कि सुंदरनगर में जिस जहरीली शराब से 7 लोगों की जान चली गई है, वह हमीरपुर में स्थित अवैध फैक्ट्री में बनकर तैयार हुई थी और यहीं से मंडी पहुंचाई गई थी। इस मामले में पुलिस की एसआईटी ने मुख्य सरगना समेत तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
हमीरपुर में स्थित अवैध फैक्टरी से मिली 6 हजार बोतलें
हमीरपुर में स्थित अवैध फैक्टरी से लभगग 6 हजार शराब से भरी बोतलें बरामद की गई हैं। इसके अलावा फैक्टरी के मालिक व मुख्य सरगना के घर से पुलिस को 25 लाख रुपये भी मिले हैं। इस अवैध शराब माफिया के मुख्य सरगना कांगड़ा के रहने वाले गौरव मन्हास उर्फ गोरू, शराब सप्लाई का काम देखने वाले नरेंद्र उर्फ कालू और नकली लेबल डिजाइन करने वाले बैजनाथ निवासी अजय कोली से एसआईटी पूछताछ कर रही है।
मिक्सिंग सही न होने से जहर बन गई शराब
एसआईटी ने खुलासा किया है कि जिस शराब से सात लोगों की मौत हुई है, वह हमीरपुर में ही बनी थी। अवैध शराब की फैक्टरी के प्लांट में मिक्सिंग सही ढंग से नहीं हुई थी, जिस कारण शराब जहर बन गई। इस जहरीली शराब को पीने से सुंदरनगर में सात लोगों की जान चली गई।
एसपी आवास से चंद कदम दूर चल रही थी अवैध शराब फैक्टरी
जिस जगह पर यह अवैध शराब तैयार की जाती थी, वहां से एसपी हमीरपुर का सरकारी आवास महज कुछ ही दूरी पर है। फिर भी यह नशे के सौदागर बेखौफ होकर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने में जुटे थे। जिस भवन में यह फैक्ट्री चलती थी, उसके मुख्य दरवाजे पर ताला लगा रहता था। पिछले गेट से अवैध शराब का कारोबार चल रहा था। पुलिस का दावा है कि हमीरपुर में यह अवैध फैक्ट्री पूर्व उपप्रधान प्रवीन ठाकुर की बिल्डिंग में चल रही थी। इस बिल्डिंग में रेनबो कैफे नाम लिखा था। पुलिस ने पूछताछ के आधार पर नालागढ़ में भी अवैध शराब फैक्ट्री पकड़ी है।
इन जिलों में भेजी गई है अवैध शराब
डीजीपी संजय कुंडू के अनुसार जांच में पता चला है कि अवैध शराब की खेप कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर और मंडी जिले में भेजी गई है। कांगड़ा, सोलन, हमीरपुर और जीरकपुर स्थित कई ठिकानों से पुलिस ने छापे मारे हैं, जहां से बड़ी मात्रा में शराब बनाने के लिए उपयोग में लाया जाने वाला होलोग्राम, लेबल, कार्टन, बोतलें, स्पिरिट, ढक्कन, कच्चा माल व अन्य सामान बरामद किया है।
एसआईटी में ये अधिकारी शामिल
जहरीली मामले की जांच के लिए डीआईजी के अलावा एसपी मंडी शालिनी अग्निहोत्री, एसपी अरविंद दिग्विजय नेगी, एसपी क्राइम वीरेंद्र कालिया, एसपी ऊना अर्जित सेन, एसपी बद्दी मोहित चावला, एडिशनल एसपी कांगड़ा पुनीत रघु और एसडीपीओ परवाणू योगेश रोल्टा को शामिल किया गया था। इस केस में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इस तरह चल रहा था अवैध शराब का कारोबार
अवैध फैक्ट्री में शराब तैयार करने के लिए स्पिरिट के ड्रम दिल्ली से मुहैया करवाए जाते थे। जम्मू कश्मीर के सांबा से अवैध शराब बनाने का फार्मूला मुहैया कराया गया था। शराब बनाने के लिए खाली बोतलें औा पानी हमीरपुर से लिया जाता था। परवाणू से बोतलें, कैप, बॉक्स और खाली कार्टन मंगवाए जाते थे। अवैध शराब के निर्माण के लिए उपकरणों की खरीद चंडीगढ़ से की गई थी।