शाहपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कई योजनाओं में से प्रधानमंत्री उज्वला योजना भी प्रमुख है। इस योजना का लक्ष्य महिलाओं को धुएं से मुक्ति दिलाना और पर्यावरण को बचाना रखा गया था, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का दम घुटने लगा है। ग्रामीण महिलाएं पहले की तरह ही लकड़ी के चूल्हे ले का प्रयोग करने लग पड़ी है।
इसका मुख्य कारण गैस सिलेंडर का महंगा होना सामने आया है। देश में यह योजना शुरू की गई तो 521 रुपए में सिलेंडर को भरवाया जा सकता था, लेकिन अब सिलेंडर भरवाने के लिए लाभार्थियों को लगभग ₹1000 देने पढ़ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में योजना शुरू हुई तो महिलाओं के चेहरे पर एक मुस्कुराहट लौटी थी।
अब योजना के कुछ वर्षों के बाद ही महिलाएं फिर से लकड़ी के चूल्हे पर खाना बना रहे हैं अगर हिमाचल प्रदेश की बात करें तो यहां के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को इस योजना का लाभ तो जरूर मिला है लेकिन अब सिलेंडर महंगा होने के कारण लोग उसे भरवा नहीं पा रहे हैं।
लोगों ने मजबूरी में लकड़ियां करनी शुरू की
हिमाचल ब्रेकिंग ने जब इस योजना के बारे में पता लगाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में दौरा किया तो पाया कि लोग फिर से लकड़ी के चूल्हे पर खाना बना रहे हैं। लोगों ने दोबारा ईंधन के लिए लकड़ियों को काटना शुरू कर दिया है, जो कि पर्यावरण के लिए सही नहीं है। लोगों द्वारा लकड़ियां काटना मजबूरी बनने लगा है। बढ़ती मंहगाई के चलते लोगों के अन्य खर्चे पूरे नहीं हो रहे हैं। ऐसे में एक हजार रूपये बाला गैस सिलेंडर वह नहीं भरपा रहे हैं।
शुरू में 500 में भर जाता था सिलेंडर
पंचायत जोल के गांव द्रोवला के गांव की रहने वाली भोटो देवी का कहना है कि वह वीपीएल परिवार से सम्बन्ध रखते हैं। उन्हें भी योजना के तहत गैस कनेक्शन मिला था। पति मजदूरी करते हैं। उनके तीन बच्चे हैं। पढ़ाई के खर्च के अतिरिक्त घर का खर्चा इतना हो जाता है कि वह अब गैस सिलेंडर नहीं रिफील नहीं करवा पा रहे हैं। पहले सिलेंडर 500 में सिलेंडर भर जाता था और सब्सिडी भी मिल जाती थी, लेकिन अब सब्सिडी भी नहीं मिलती और सिलेंडर भी महंगा हो गया है। गांव के अन्य लोगों का भी यही हाल है।
सिलेंडर के दाम कम करे सरकार
इसी तरह पंचायत वोह के गांव की 65 वर्षीय किडनों देवी ने बताया कि गैस सिलेंडर महंगा होने के साथ जंगल भी काफी दूर हैं। वहां से लकड़ी लाना मुश्किल हो गया है। सरकार फ्री गैस कनेक्शन देकर अब जनता को लूट रही है। 1000 रूपए देकर सिलेंडर भरवाना हर किसी के बस की बात नहीं रही है। जैसे तैसे खाना बनाकर परिवार का पेट भर रहा है। सरकार को गैस सिलेंडर के दाम कम करने चाहिए ताकि लोगों को महगाई और धुएं से राहत मिल सके।
क्या था योजना का उद्देश्य
स्वच्छ ईंधन और बेहतर जीवन के नारे के साथ केंद्र सरकार नें 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेतृत्व में एक सामाजिक कल्याण योजना “प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना” की शुरूआत की है। इस योजना के तहत धुँआरहित ग्रामीण भारत की परिकल्पना की गई थी और वर्ष 2019 तक 5 करोड़ परिवारों, विशेषकर गरीबी रेखा से नीचे रह रही महिलाओं को रियायती एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था।