वैज्ञानिक इन दिनों दो जीराफ के कद-काठी को लेकर टेंशन में पढ़ गए हैं। इन जीराफ पर शोध और जांच के लिए वैज्ञानिकों की कई टीमें लगी हुई हैं। दोनों जीराफ अफ्रीका महाद्वीप की अलग अलग सफारी में संरक्षित किए गए हैं। अफ्रीका महाद्वीप के दो देशों युगांडा और नामीबिया में दो जीराफ अपनी अनोखी कद-काठी की वजह से पशु विज्ञानियों के बीच चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार दोनों जीराफ के शरीर की ऊंचाई बेहद कम है। वैज्ञानिकों ने इन्हें दुनिया के सबसे छोटे जीराफ कहा है। वन्यजीव संरक्षण के लिए काम करने वाले वैज्ञानिकों के अनुसार युगांडा के मर्चीसन फाल्स नेशनल पार्क में न्यूबियन प्रजाति के गिमिल नाम के जीराफ को 2015 में पहली देखा गया था। तब उसकी ऊंचाई को लेकर वैज्ञानिक चिंतित थे। उसे जुलाई 2020 में फिर से देखा गया तो वह औसत ऊंचाई से भी कम ऊंचे कद का मिला।
औसत ऊंचाई से आधा कद बना समस्या
वैज्ञानिकों के अनुसार एक जीराफ की औसत ऊंचाई 18 फीट होती है। लेकिन युगांडा में मिले गिमिल जीराफ की ऊंचाई सिर्फ 9.4 फीट ही है। वहीं, नामीबिया में मिले अंगोलन जीराफ नाइजिल की ऊंचाई सिर्फ 8.6 फीट है। दोनों जीराफ अपनी औसत ऊंचाई से लगभग आधे कद के हैं।
बौनेपन का शिकार हैं दोनों जीराफ
वैज्ञानिकों ने दोनों जीराफ को दुर्लभ फिजिकल डिसआर्डर की वजह से बौनेपन का शिकार बताया है। दोनों जीराफ की ऊंचाई कम होने की बड़ी वजह उनके पैरों का छोटा होना भी है। दोनों जीराफ के पैर और शरीर किसी उम्दा नस्ल के घोड़े के समान दिखते हैं। जीराफ की गर्दन भी औसत से बेहद कम ऊंची है।