अतुल/यशपाल (मंडी ): हिमाचल के बड़े नेताओं में शुमार मंडी के सांसद रामस्वरूप शर्मा की संदिग्ध मौत से सियासत के गलियारे में शोक की लहर है। साधारण परिवार से संबंध रखने वाले रामस्वरूप के नाम मंडी के विकास की कई उपलब्धियां हैं। मंडी को छोटाकाशी का नाम दिलवाने के लिए इन्हें जाना जाता है। वह भाजपा पार्टी के वफादार नेता माने जाते थे। इस कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनके काफी करीब थे। यहां तक उन्हें नरेंद्र मोदी का सुदामा भी कहा जाता था।
कबड्डी के राष्ट्रीय खिलाड़ी ने राजनीति में बनाई पैठ
रामस्वरूप शर्मा अपने जमाने में कबड्डी के राष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुके हैं। उन्हें एनएचपीसी में खेल कोटे से नौकरी भी लग गई थी, लेकिन उन्होंने राजनीति में आने के लिए 1985 में नौकरी छोड़ दी और संघ के प्रचारक बन गए। उन्होंने जिला मंडी भाजपा में विभिन्न पदों में जिम्मेदारी का निर्वाहन किया। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के प्रभारी भी रहे और हिमाचल प्रदेश सिविल सप्लाई कारपोरेशन के उपाध्यक्ष भी मनोनीत किए गए।
वीरभद्र की पत्नी और सुखराम के पौते कोे भारी मतों से हराया था
62 साल की उम्र में रामस्वरूप की मौत हो गई। इतनी उम्र में उन्होंने राजनीति में गहरी पैठ बना ली थी। मंडी में भाजपा के स्तंभ नेताओं में माने जाते थे। विरोधी पार्टियों के लिए रामस्वरूप बड़ी चुनौती बनकर रहे। यही कारण था कि 2014 के लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह को उन्होंने 39000 के करीब मतों से हरा दिया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले पंडित सुखराम के पौत कांग्रेस के उम्मीदवार आश्रय शर्मा को रिकार्ड चार लाख पांच हजार मतों से मात दी थी। भाजपा में रामस्वरूप के प्रभावी व्यक्तितत्व का ही कमाल था कि वे भाजपा के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष भी थे और प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में भी शामिल थे।
मंडी को छोटीकाशी का दिलाया नाम
जिला मंडी को छोटाकाशी का नाम दिलवाने में रामस्वरूप की महत्वपूर्ण भूमिका रही। साथ ही ब्यास आरती शुरू करवाने में भी उनका अहम योगदान रहा था।
इस कारण मोदी ने दिया था नाम
2014 लोकसभा चुनाव में रामस्वरूप ने प्रतिभा सिंह को भारी मतों से हराया था। उस दौरान भाजपा यहां सीट जीतने पर आशान्वित नहीं थी, क्योंकि उनके सामने पूर्व सांसद और वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह चुनाव लड़ रही थीं। इसके बावजूद उन्होंने इस सीट पर जीत हासिल की थी। इसके बाद एक मुलाकात के दौरान रामस्वरूप को पीएम मोदी ने मंडी में चुनावी जनसभा के दौरान सुदामा कहा था। रामस्वरूप शर्मा स्वयं भी खुद को मोदी का सुदामा और उन्हें अपना कृष्ण कहते थे।
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