शिमला। हिमाचल प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना के प्रकोप को देखते हुए सरकार ने कोरोना कर्फ्यू लगाया है। जरूरी वस्तुओं की दुकानें भी दिन में तीन घंटे ही खुल रही हैं। इसी बीच राशन डिपुओं से सरकार को कुछ शिकायतें मिल रही हैं। इसी को देखते हुए प्रदेश सरकार ने डिपुओं में उपभोक्ताओं को सस्ते राशन के आवंटन की जांच के लिए टीमें गठित की हैं। टीमें यह सुनिश्चित करेंगी कि डिपो होल्डर कोविड नियमों का पालन करते हुए राशन दे रहे हैं या नहीं।
यह जिम्मेदारी है डिपो होल्डर की
- कोरोना से बचाव की लोगों को देनी होगी जानकारी।
- पॉस मशीनों को अंगुली लगाने से पहले सैनिटाइज करना होगा।
- डिपो को सैनिटाइज करना होगा।
- सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना होगा।
नियमों का उल्लंघन होने पर डिपो होल्डर के खिलाफ कार्रवाई होगी। सरकार को काफी समय से शिकायतें मिल रही थीं कि राशन की दुकानों को सैनिटाइज नहीं किया जा रहा है। कुछ डिपो धारक पॉस मशीनों से राशन देने की प्रक्रिया को बंद करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन विभाग का तर्क है कि इन मशीनों से राशन देने की प्रक्रिया को बंद किया जाता है तो भारी मात्रा में गड़बडि़यां होंगी। सरकर ने साफ तौर पर कहा है कि 26 राज्यों में जनता को पॉस मशीनों से राशन दिया जा रहा है। इसलिए डिपो और पॉस मशीनों को सैनिटाइज करने का फैसला लिया गया है।
खाद्य नागरिक और उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक आरके गौतम ने कहा कि सरकार ने डिपो में उपभोक्ताओं को सस्ते राशन आवंटन की जांच के लिए टीमें गठित की हैं। टीमें इस बात की जांच करेंगी कि कोविड नियमों का पालन करते हुए डिपो होल्डर लोगों को राशन दे रहे हैं या नहीं।