नगरोटा| दुनिया की सबसे बुजुर्ग महिला हिमाचल से है। इसका खुलासा वीरवार को हुआ, जब कुछ लोगों ने बुजुर्ग महिला का आधार कार्ड देखा। आधार कार्ड के अनुसार महिला का जन्म 1890 में हुआ और इस समय उनकी उम्र 130 साल है। महिला जिला बिलासपुर के घुमारवीं के पपलाह गांव में पंचायत चुनाव के दौरान वोट डालने पहुंचीं थीं। पपलाह की मंशा देवी स्याल के जन्म वर्ष को देखकर हर कोई दंग है। बता दें कि आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार दुनिया की सबसे उम्रदराज महिला रूस की जीन केलिमेंट हैं जिनका वर्ष 1997 में 122 साल की आयु में देहांत हुआ था। वर्तमान में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जापान की केन तनाका (118) का नाम सबसे बुजुर्ग जीवित महिला के तहत दर्ज है। बता दें कि प्रथम विश्व युद्ध साल 1914 में 28 जुलाई को शुरू हुआ था. जब ऑस्ट्रिया- हंगरी ने सर्बिया के खिलाफ जंग का ऐलान किया था। 28 जुलाई 1914 से 1919 तक चले इस प्रथम विश्व युद्ध को पूरे 104 साल हो चुके हैं. – 1914 से 1919 के मध्य यूरोप, एशिया और अफ्रीका तीन महाद्वीपों के जल, थल और आकाश में प्रथम विश्व युद्ध लड़ा गया।
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महिला के 6 बच्चे, दो की हो चुकी है मौत
घुमारवीं की इस महिला के छह बच्चे थे। इनमें दो की मौत हो चुकी है। महिला के परिवार में कोई ज्यादा पढ़ा-लिखा भी नहीं है। इसके चलते उनकी उम्र को लेकर किसी ने कोई जिक्र नहीं किया और न प्रशासन की नजर पड़ी। महिला के बडे़ बेटे की मौत 81 साल की उम्र में साल 2004 में हुई थी। वहीं बेटे से ढाई साल बड़ी एक बेटी थी, जिनकी भी मौत हो चुकी है। ऐसे में वर्ष 2021 में उनकी बड़ी बेटी जीवित होती तो उनकी उम्र 100 साल होती।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में करेंगे दावा
उक्त महिला की उम्र से जुड़े तथ्यों की जांच करवाएंगे। अगर जिले में ऐसी महिला है जिनकी उम्र गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज उम्र से ज्यादा है तो वह इसका दावा करेंगे। उनका नाम दर्ज करवाने की प्रक्रिया पूरी करेंगे।
रोहित जम्वाल, डीसी बिलासपुर